1.वास्तविक संख्याएँ
अभ्यास 1.1
प्रश्न1: निम्नलिखित संख्याओं का HCF जानने के लिये यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म का प्रयोग कीजिए।
प्रश्न(a): 135 और 225
उत्तर: मान लीजिए कि 225 = a और 135 = b
यहाँ पर इस समीकरण का प्रयोग करते हैं जिसमें
जहाँ
तो निम्नलिखित समीकरण मिलता है;
जहाँ है
अब यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म का प्रयोग करने के लिये मान लीजिए कि 135 = a और 90 = b
तो निम्नलिखित समीकरण मिलता है;
जहाँ है
अब यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म का प्रयोग करने के लिये मान लीजिए कि 90 = a और 45 = b
तो निम्नलिखित समीकरण मिलता है;
यहाँ पर r = 0 मिलता है।
इसलिए HCF = 45
प्रश्न(b): 196 और 38220
उत्तर: मान लीजिए कि 38220 = a और 196 = b
तो निम्नलिखित समीकरण मिलता है;
यहाँ पर मिलता है।
इसलिए HCF = 196
प्रश्न(c): 867 और 255
उत्तर: मान लीजिए कि 867 = a और 255 = b
तो निम्नलिखित समीकरण मिलता है;
जहाँ है।
अब मान लीजिए कि 255 = a और 102 = b
तो निम्नलिखित समीकरण मिलता है;
जहाँ है।
अब मान लीजिए कि 102 = a और 51 = b है।
तो निम्नलिखित समीकरण मिलता है।
यहाँ पर r = 0 मिलता है।
इसलिए HCF = 51
प्रश्न2: दर्शाइए कि कोई भी धनात्मक विषम पूर्णांक , या , या के रूप का होता है, जहाँ q कोई पूर्णांक है।
उत्तर: मान लीजिए कि ‘a’ कोई पॉजिटिव पूर्णांक संख्या है और ‘b = 6’.
यहाँ पर इस समीकरण का प्रयोग करते हैं जिसमें
जहाँ
अब r = 0 मान लेने पर,
r = 1 मान लेने पर,
r = 2 मान लेने पर,
r = 3 मान लेने पर,
r = 4 मान लेने पर,
r = 5 मान लेने पर,
r = 1 मान लेने पर,
r = 2 मान लेने पर,
r = 3 मान लेने पर,
r = 4 मान लेने पर,
r = 5 मान लेने पर,
इस तरह, or, or, or, or, या हो सकता है।
लेकिन यहाँ पर, , , सम पूर्णांक संख्याएँ हैं।
इसलिये, or, or, विषम और धनात्मक पूर्णांक संख्याएँ हैं।
प्रश्न3: किसी परेड में 616 सदस्यों वाली एक सेना की टुकड़ी को 32 सदस्यों वाले एक आर्मी बैंड के पीछे मार्च करना है। दोनों समूहों को समान संख्या वाले स्तंभों में मार्च करना है। उन स्तंभों की अधिकतम संख्या क्या है, जिसमें वे मार्च कर सकते हैं?
उत्तर: स्तंभों की संख्या ज्ञात करने के लिये हमें 616 और 32 का HCF निकालना होगा।
मान लीजिए, a = 616 और b = 32
इसलिये यूक्लिड का डिविजन एल्गोरिथ्म का प्रयोग करने से;
, जहाँ है।
अब, , जहाँ है।
इसलिये HCF = 8
इसलिये स्तंभों की संख्या = 8
प्रश्न4: यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करके दर्शाइए कि किसी धनात्मक पूर्णांक का वर्ग, किसी पूर्णांक m के लिये 3m या 3m + 1 के रूप का होता है।
उत्तर: इसके लिये सबसे छोटी संख्या से शुरु करते हैं जो कि एक वर्ग है। ऐसी संख्या 4 है।
अब अगली संख्या 9 है।
अब अगली संख्या 16 है।
अब अगली संख्या 25 है।
इन उदाहरणों से यह पता चलता है कि किसी धनात्मक पूर्णांक का वर्ग किसी पूर्णांक m के लिये 3m या 3m + 1 के रूप का होता है।
प्रश्न5: यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करके दर्शाइए कि किसी धनात्मक पूर्णांक का घन 9m, 9m +1 या 9m + 8 के रूप का होता है।
उत्तर: इसके लिये सबसे छोटी संख्या से शुरु करते हैं जो कि एक घन है। ऐसी संख्या 8 है।
अब अगली संख्या 27 है।
अब अगली संख्या 64 है।
इन उदाहरणों से पता चलता है कि किसी धनात्मक पूर्णांक का घन 9m, 9m +1 या 9m + 8 के रूप का होता है।
अभ्यास 1.3
प्रश्न1: सिद्ध कीजिए कि एक अपरिमेय संख्या है।
उत्तर: सबसे पहले इसका उलटा मान लेते हैं; यानि मान लेते हैं कि एक परिमेय संख्या है।
ऐसी संख्या के लिये a और b दो ऐसी संख्या होंगी जहाँ b ≠ 0 तथा a और b कोप्राइम होंगे, ताकि;
या,
ऐसी संख्या के लिये a और b दो ऐसी संख्या होंगी जहाँ b ≠ 0 तथा a और b कोप्राइम होंगे, ताकि;
या,
दोनों तरफ का वर्ग करने पर यह समीकरण मिलता है;
इसका मतलब है कि a2 5 से डिविजिबल होगा और इसलिये a भी 5 से डिविजिबल होगा।
लेकिन यह हमारी पहले के मान का विरोधी है कि a और b कोप्राइम हैं, क्योंकि हमें 5 के रूप में a और b का कम से कम एक कॉमन फैक्टर मिल गया है।
यह हमारे पहले मानी हुई संभावना कि प्रमेय संख्या है का भी विरोधाभाषी है।
इसलिए एक अप्रमेय संख्या है सिद्ध हुआ।
इसका मतलब है कि a2 5 से डिविजिबल होगा और इसलिये a भी 5 से डिविजिबल होगा।
लेकिन यह हमारी पहले के मान का विरोधी है कि a और b कोप्राइम हैं, क्योंकि हमें 5 के रूप में a और b का कम से कम एक कॉमन फैक्टर मिल गया है।
यह हमारे पहले मानी हुई संभावना कि प्रमेय संख्या है का भी विरोधाभाषी है।
इसलिए एक अप्रमेय संख्या है सिद्ध हुआ।
प्रश्न2: सिद्ध कीजिए कि एक अपरिमेय संख्या है।
उत्तर: मान लीजिए कि एक परिमेय संख्या है।
ऐसी संख्या के लिये a और b दो ऐसी संख्या होंगी जहाँ b ≠ 0 तथा a और b कोप्राइम होंगे, ताकि;
चूंकि a और b परिमेय संख्या हैं, इसलिए भी एक परिमेय संख्या होगी। इसलिए एक परिमेय संख्या होगी।
लेकिन यह इस बात का विरोधाभाषी है कि एक अपरिमेय संख्या है। ऐसा इसलिए हुआ कि हमने इसे गलती से परिमेय संख्या माना था।
इसलिए एक अपरिमेय संख्या है सिद्ध हुआ।
चूंकि a और b परिमेय संख्या हैं, इसलिए भी एक परिमेय संख्या होगी। इसलिए एक परिमेय संख्या होगी।
लेकिन यह इस बात का विरोधाभाषी है कि एक अपरिमेय संख्या है। ऐसा इसलिए हुआ कि हमने इसे गलती से परिमेय संख्या माना था।
इसलिए एक अपरिमेय संख्या है सिद्ध हुआ।
प्रश्न3: सिद्ध कीजिए कि निम्नलिखित संख्याएँ अपरिमेय हैं:
प्रश्न(a): `1/(sqrt2)
उत्तर: मान लीजिए कि एक परिमेय संख्या है।
ऐसी संख्या के लिये a और b दो ऐसी संख्या होंगी जहाँ b ≠ 0 तथा a और b कोप्राइम होंगे, ताकि;
या,
दोनों ओर वर्ग करने पर;
इसका मतलब है कि a2 2 से भाज्य है इसलिए a भी 2 से भाज्य है।
या,
दोनों ओर वर्ग करने पर;
इसका मतलब है कि a2 2 से भाज्य है इसलिए a भी 2 से भाज्य है।
यह हमारे पहले मानी हुई बात कि a और b कोप्राइम हैं का विरोधाभाषी है क्यों और का एक कॉमन फैक्टर 2 है।
यह हमारी उस मानी हुई बात का भी विरोधाभाषी है कि एक परिमेय संख्या है।
इसलिए एक अपरिमेय संख्या है सिद्ध हुआ।
यह हमारी उस मानी हुई बात का भी विरोधाभाषी है कि एक परिमेय संख्या है।
इसलिए एक अपरिमेय संख्या है सिद्ध हुआ।
प्रश्न(b):
उत्तर: मान लीजिए कि एक परिमेय संख्या है।
ऐसी संख्या के लिये a और b दो ऐसी संख्या होंगी जहाँ b ≠ 0 तथा a और b कोप्राइम होंगे, ताकि;
या,
या,
दोनों तरफ वर्ग करने पर;
इसका मतलब है कि से भाज्य है इसलिए a भी 245 से भाज्य है।
यह हमारे पहले मानी हुई बात कि a और b कोप्राइम हैं का विरोधाभाषी है क्यों और का एक कॉमन फैक्टर 245 है।
यह हमारी उस मानी हुई बात का भी विरोधाभाषी है कि एक परिमेय संख्या है।
इसलिए एक अपरिमेय संख्या है सिद्ध हुआ।
इसका मतलब है कि से भाज्य है इसलिए a भी 245 से भाज्य है।
यह हमारे पहले मानी हुई बात कि a और b कोप्राइम हैं का विरोधाभाषी है क्यों और का एक कॉमन फैक्टर 245 है।
यह हमारी उस मानी हुई बात का भी विरोधाभाषी है कि एक परिमेय संख्या है।
इसलिए एक अपरिमेय संख्या है सिद्ध हुआ।
प्रश्न(c):
उत्तर: मान लीजिए कि एक परिमेय संख्या है।
ऐसी संख्या के लिये a और b दो ऐसी संख्या होंगी जहाँ b ≠ 0 तथा a और b कोप्राइम होंगे, ताकि;
चूंकि a और b परिमेय संख्या हैं, इसलिए भी एक परिमेय संख्या होगी। इसलिए एक परिमेय संख्या होगी।
लेकिन यह इस बात का विरोधाभाषी है कि एक अपरिमेय संख्या है। ऐसा इसलिए हुआ कि हमने इसे गलती से परिमेय संख्या माना था।
इसलिए एक अपरिमेय संख्या है सिद्ध हुआ।
चूंकि a और b परिमेय संख्या हैं, इसलिए भी एक परिमेय संख्या होगी। इसलिए एक परिमेय संख्या होगी।
लेकिन यह इस बात का विरोधाभाषी है कि एक अपरिमेय संख्या है। ऐसा इसलिए हुआ कि हमने इसे गलती से परिमेय संख्या माना था।
इसलिए एक अपरिमेय संख्या है सिद्ध हुआ।
अभ्यास 1.4
प्रश्न1: बिना लंबी विभाजन प्रक्रिया किए बताइए कि निम्नलिखित परिमेय संख्याओं के दशमलव प्रसार सांत हैं या असांत आवर्ती हैं:
(a)
(b)
(c)
(d)
(e)
(f)
(g)
(h)
(i)
(j)
(b)
(c)
(d)
(e)
(f)
(g)
(h)
(i)
(j)
उत्तर: (a), (b), (d), (f), (h) और (i) दशमलब के प्रसार सांत हैं।
(c), (e), (g) और (i) दशमलब के प्रसार असांत आवर्ती हैं।
प्रश्न2: ऊपर दिए गये प्रश्न में उन परिमेय संख्याओं के दशमलव प्रसारों को लिखिए जो सांत हैं।
उत्तर: (a) 0.00416, (b) 2.125, (d) 0.009375, (f) 0.115, (h) 0.4, (i) 0.7
प्रश्न3: 3. कुछ वास्तविक संख्याओं के दशमलव प्रसार नीचे दर्शाए गये हैं। प्रत्येक स्थिति के लिए निर्धारित कीजिए कि यह संख्या परिमेय संख्या है या नहीं। यदि यह परिमेय संख्या है और p/q के रूप की है तो q के अभाज्य गुणनखंडों के बारे में आप क्या कह सकते हैं?
प्रश्न(a): 43.123456789
उत्तर: यह एक परिमेय संख्या है, जिसमें q का मान 2 या 5 या दोनों हो सकता है।
प्रश्न(b): 0.120120022000120000…..
उत्तर: यह एक अपरिमेय संख्या है।
प्रश्न(c): 43.123456789
उत्तर: यह एक परिमेय संख्या है जिसमें q का मान 2 या 5 या दोनों तथा q के मान में कुछ और फैक्टर भी हो सकते हैं।
☆END☆
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